धूर्तता ना करके समझदारी का रास्ता चुने
धूर्तता ना करके समझदारी का रास्ता चुने
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ज़िन्दगी एक जंगल है, और हर कोई अपनी बारी में जानवर बन जाता है। कई लोग अपनी नाजुकता का इस्तेमाल करते हैं, दूसरे धूर्त होकर चलते हैं। परंतु हमें भोलापन ना करके समझदारी का रास्ता चुना चाहिए
सावधान रहें | भोले न रहें
खुद को बढ़ाना आपका अधिकार है। सोशल मीडिया पर सावधानी बरतना जरूरी है। विश्वसनीय स्रोतों का चुनाव करें
- निरंतर सीखते रहें
- डिजिटल साक्षरता प्राप्त करें
- स्वतंत्र रूप से निर्णय लें
जीवन जीना सीखें
यह तो एक बात है कि यह जीवन अद्भुत है। हमेशा हमें नये अनुभव होते हैं और यह सब हमें सिखाने में । लेकिन यह भी ज़रूरी है कि हम यह ज्ञान प्राप्त करें की मदद से जो हमें खुशियों तक पहुँचाता है .
धूर्तता नहीं, समझदारी चाहिए.
जीवन में सफलता पाने के लिए शक्ति की ज़रूरत होती है। परंतु सबसे ज़रूरी है विवेक । धूर्त होना कभी भी सही नहीं होता। आपको
व्यवहार में सदा ईमानदारी का पालन करना चाहिए। यह बात याद रखना बेहद ज़रूरी है कि तड़का से जीत नहीं मिलती, बल्कि मेलजोल से ही आप सच्ची खुशी और सफलता पा सकते हैं।
नम्रता और समझदारी का सामंजस्य
एक सच्ची जीत में नम्रता और समझदारी का एक अद्भुत सामंजस्य देखा जाता है। नम्रता भोलापन नहीं, समझदारी चाहिए हमें दूसरों को मान्यता देने में मदद करती है, जबकि समझदारी हमें सही निर्णय लेने में मार्गदर्शन देती है। यह सामंजस्य जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति लाता है। एक नम्र व्यक्ति हमेशा निरंतर प्रगति करता है, जबकि एक समझदार व्यक्ति अपने कार्यों का तार्किक विश्लेषण करता है।
- यह सहयोग को बढ़ावा देता है।
- यह संघर्षों को नियंत्रित करता है।
- यह हमें पथ प्रदर्शक बनता है।
नम्रता और समझदारी का सामंजस्य जीवन की विशिष्टता को दर्शाता है।
धोखे से बचें , ज्ञानी बनें .
यह दुनिया एक जगह है, जहां हर कोई आपसे सीखने को तैयार नहीं होता। अक्सर लोग आपका फायदा उठाते हैं, इसलिए आपको सचेत रहना होगा।
अपना मन बनाएँ और हर काम में पहले विचार करें । एक समझदार व्यक्ति हमेशा चीजों को समझता है और उचित फैसला लेता है।
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